tag:blogger.com,1999:blog-4235708465426262737.post3082391259990435726..comments2023-07-02T00:46:59.711-07:00Comments on BLAH BLAH BLOG: चाइने का माल नी हैHimanshu Joshihttp://www.blogger.com/profile/01667493105553091354noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4235708465426262737.post-66679443794187969132013-12-15T23:20:26.012-08:002013-12-15T23:20:26.012-08:00ऐसे ही एक फ़कीर के धंधे की पंच-लाईन थी .... "ज...ऐसे ही एक फ़कीर के धंधे की पंच-लाईन थी .... "जो देगा .... तो मरेगा, अभी देगा .... अभी मरेगा, नहीं देगा .... नहीं मरेगा". मरने-मराने की विचित्र हांक को लेकर .... लोग उसकी ओर आकर्षित होते और फकीरों की अफलातून दुआओं की मिथक के वशीभूत हो उसे कुछ न कुछ दे ही जाते. दरअसल 'मरने' से उसका आशय 'भूख' से रहता था. Uday Singh Tundelehttps://www.blogger.com/profile/08556863281922075190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4235708465426262737.post-54175925771097969672013-12-15T23:11:16.021-08:002013-12-15T23:11:16.021-08:00ऐसे ही एक फकीर की पंच-लाईन थी "जो देगा.... तो...ऐसे ही एक फकीर की पंच-लाईन थी "जो देगा.... तो मरेगा, अभी देगा .... अभी मरेगा, नहीं देगा .... नहीं मरेगा". दरअसल उसका आशय 'भूख' से था. Uday Singh Tundelehttps://www.blogger.com/profile/08556863281922075190noreply@blogger.com