Tuesday, June 10, 2014

'नक्सलवादी आँखे

अभी हाल ही में कुछ काम से छत्तीसगढ़ गया   था ।   पहले भी अनेको बार जाता  रहा हूँ लेकिन इस बार की अनुभूति कुछ अलग रही। जिस दिन जगदलपुर पंहुचा उस दिन आई-ट्यून्स से एक फिल्म के गाने डाउनलोड किये  एक गाने के बोल कुछ यूं थे - छप्पन छुरी छत्तीसगढ़ी  अखियाँ तेरी नक्सलवादी। बड़ा अजीब लगा ये बोल सुनकर।  'नक्सलवादी आँखे' निस्संदेह एक नया जुमला है लेकिन इस किस्म के जुमले  एग्रीगेटेड फैक्ट्स को सच्चाई मानकर चलने वाले अनेक लोगो के पूर्वाग्रह को और पुख्ता कर देते है।  जगदलपुर का  नाम सुनकर एक आम इंसान के दिमाग में बड़ी भयवाह सी तस्वीर बनती है।  घने जंगल , आदिवासी लोग सी. आर. पी. एफ. की गश्ती टुकड़ियां और बारूदी सुरंगे।  लाज़मी सी बात है क्योकि  अखबारों और अन्य मीडिया में  यही सब दिखाया जाता है  इसीलिए  हर दफे जब छत्तीसगढ़ जाता हूँ तो सब हिदायत देते है कि ज़रा सम्हाल के जाना।  इस बार मैंने भी आँखों की कुछ जोड़ियों को देखा , जो नक्सलवादी नहीं आशावादी थी।  इसके अलावा कुछ और फोटोग्राफ्स भी खीच के लाया ताकि यहाँ आके बता सकूँ की जगदलपुर अफ़ग़ानिस्तान नहीं है और न वंहा कदम कदम पे मुह पे कपडा बांधे   तालिबानी लड़ाके  घूमते है।
  









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