Thursday, March 13, 2014

'कास्ट' कटिंग

कॉस्ट कटिंग आजकल बज़वर्ड बन गया है।  प्रदीप मेरे ऑफिस का कैंटीन बॉय है , आज चाय पिलाने आया तो किसी ने कहा " प्रदीप चाय की क्वांटिटी आधी कर दे आजकल 'कास्ट कटिंग ' चल रही है।  प्रदीप ने तपाक से जवाब दिया " मै उसकी जगह चाय की कीमत बढ़ा दूंगा "।  
प्रदीप ने इतना कहाँ और चाय रखकर अगले डिपार्टमेंट की और बढ़ गया लेकिन प्रदीप की बात मेरे  दिमाग में ठहर गयी और  ये धारणा भी मजबूत हो गयी कि व्यवसायिक  समझदारी केवल पढ़े लिखों की बपोती नहीं होती।  प्रदीप ने जो बात एक लाइन में कही उसे लोग 2 साल के MBA या सालो की  नौकरी के बाद भी नहीं समझ पाते।  लाभप्रदता बढ़ने के लिए लागत घटाना  या खर्चे काटना  कभी लास्टिंग सोल्यूशन नहीं हो सकता , ज्यादा बेहतर है कि आमदनी बढ़ाई  जाए।  

4 comments:

  1. जिसने खर्चा कम करने की सोची,
    उसने कमाने की अपनी ताकत खो दी।

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