Tuesday, May 6, 2014

ज़ेब में SBI कदमो में दुनिया


आजकल टीवी पर एक विज्ञापन आ रहा है। एक नौजवान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच की तलाश करते हुए परेशान हो रहा होता है तभी रास्ते पर खेलते कुछ बच्चे उसे हँसते हुए समझाते है कि SBI की ब्रांच उसकी जेब में है और वो उसे बाहर खोज़ कर परेशान हो  रहा है।


दरअसल ये एड SBI  की एंड्राइड आधारित इंटरनेट बैंकिंग एप्लीकेशन " स्टेट बैंक फ्रीडम प्लस " का है।   बहोत दिनों के बाद किसी बैंक का ऐसा बेहतरीन टीवी एड  आया हैं  जौ  इतनी आसानी और प्रभावी ढंग से अपना मैसेज कम्यूनिकेट कर देता है।

एक बात निर्विवादित है ,अगर आप इंडिया में है तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बिना काम चलाना  नामुमकिन  तो नहीं है मगर बेहद मुश्किल  हैं। अपनी ब्रांचेज़  , ATMs , e-Corners और कस्टमर सर्विस पॉइंट्स ( CSPs) को मिलाकर स्टेट बैंक के एक लाख से ज्यादा टच पॉइंट्स पऱ अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।  बावजूद इसके अगर आप स्टेट बैंक की सेवाए " ON THE GO" पाना चाहते है या फिर स्टेट बैंक को आपने स्मार्ट फ़ोन में समेटना चाहतें है तो " स्टेट बैंक फ्रीडम प्लस " आपके  लिए ही है।

" स्टेट बैंक फ्रीडम प्लस " की एप्लीकेशन  एंड्राइड 2 . 3 ( यानी जिंजर ब्रेड ) या इसके बाद के वर्शन्स के मोबाइल फोन पर काम  करती है और गूगल प्ले से इसे डाउनलोड किया  जा सकता है।  वो सारे ग्राहक जिन्होंने ट्रांज़ैक्शन्स राइट्स के साथ स्टेट बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा ले रखी हैं, अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से " स्टेट बैंक फ्रीडम प्लस " का उपयोग कर  सकते है।  ध्यान रहे , गूगल प्ले के अलावा इस एप्लीकेशन को औऱ कंही से डाउनलोड ना करें।  

" स्टेट बैंक फ्रीडम प्लस " के बारे में ज्यादा जानकारी  आप इस लिंक पर जाकर प्राप्त  कर सकते है https://play.google.com/store/apps/details?id=com.sbi.SBIFreedomPlus

1999 में बिल गेट्स ने अपनी किताब " Business @ the speed of thought " में लिखा था "  20 साल के बाद हमें बैंकिंग की ज़रूरत तो रहेगी लेकिन बैंक और बैंक वालों की जरूरत रहे ये आवश्यक नही " .

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